बड़ी नाज़ुक है डोरी

बड़ी नाज़ुक है डोरी साँस की यह  
कहीं टूटी तो बाकी क्या रहेगा
रखो तुम बंद चाहे अपनी घड़ियां 
समय तो रात दिन चलता रहेगा
न जाने क्यों हमें यह लग रहा है 
हमारे बाद सन्नाटा रहेगा
वृथा है आज, कल की फिक्र 'राणा' 
जो कुछ होना है वह होता रहेगा

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